अधरों में रस घोलो, मेरा कंठ मधुर कर दो,
उर में माँ बस जाओ, बस इतनी मेहर कर दो
अधरों में....
तुम ज्ञान की दाता हो, वेदों की हो ज्ञाता,
ममता की मूरत हो, जन जन से तेरा नाता,
मेरा लगन न छूट जाए, बस इतनी मेहर कर दोअधरों में....
है हंस सवारी माँ, है श्वेत वर्ण माता,
है वीणा वादिनी माँ, करो हम पे दया माता,
श्रद्धा से जलाई है, वह ज्योति अमर कर दो
अधरों में....
है मस्त तेरी धुन में, सब प्रेम दीवाने हैं,
माता तेरी महिमा का, हम भेद न जाने हैं,
गुणगान तेरा गाऊं, बस इतनी मेहर कर दो
अधरों में....
बहुत ही सुन्दर भावमय वंदना.
ReplyDeleteधन्यवाद निधि
Iska audio milega
ReplyDeleteIska audio milega
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