Monday, October 29, 2012

सरस्वती वंदना


अधरों में रस घोलो, मेरा कंठ मधुर कर दो,
उर में माँ बस जाओ, बस इतनी मेहर कर दो
अधरों में....

तुम ज्ञान की दाता हो, वेदों की हो ज्ञाता,
ममता की मूरत हो, जन जन से तेरा नाता,
मेरा लगन न छूट जाए, बस इतनी मेहर कर दोअधरों में.... 

है हंस सवारी माँ, है श्वेत वर्ण माता,
है वीणा वादिनी माँ, करो हम पे दया माता,
श्रद्धा से जलाई है, वह ज्योति अमर कर दो
अधरों में....

है मस्त तेरी धुन में, सब प्रेम दीवाने हैं,
माता तेरी महिमा का, हम भेद न जाने हैं,
गुणगान तेरा गाऊं,  बस इतनी मेहर कर दो
अधरों में....

गौरी तेरे नंदन की

गौरी तेरे नंदन की, हम वंदना करते हैं
वंदना करते हैं, तेरी वंदना करते हैं

सुख कारज से पहले, जो तेरा ध्यान धरते,
कोई विघ्न आये, तो आप ही हल करते
विघ्नों के हरता की, हम वंदना करते हैं
गौरी तेरे....

धन्य है गौरी माँ, जिसको तुमको जन्म दिया,
भोले भंडारी ने, तुमको उपदेश दिया,
शंकर के दुलारे की, हम वंदना करते हैं
गौरी तेरे....

विघ्नों के हरता तुम, मंगल के दाता हो,
भक्तों के लिए भगवन, तुम भाग्यविधाता हो,
उस पावन हारे की, हम वंदना करते हैं
गौरी तेरे....  

गणपति दीनदयाल

गणपति दीनदयाल जय जय
गणपति दीनदयाल
पिता तुम्हारे भोले शंकर, नंदी पे करते विहार जय जय....... गणपति दीनदयाल जय जय
माता तुम्हरी पार्वती हैं, शेरोन पे करती विहार जय जय....... गणपति दीनदयाल जय जय
भैया तुम्हारे कार्तिक स्वामी, मोरों पे करते विहार जय जय.......गणपति दीनदयाल जय जय
सब देवन में तुम ही बड़े हो, जग के पालन हार जय जय.......गणपति दीनदयाल जय जय
गणपति दीनदयाल

हम छोटे छोटे बच्चे

हम छोटे छोटे बच्चे
हम प्यारे प्यारे बच्चे
माँ की आँखों के तारे, पापा के दुलारे
लिखना सीखा, पढ़ना सीखा और चलना भी सीखा
हमको मिली है माँ से ममता और गुरुओं से शिक्षा
हम होंगे वारे न्यारे